सफलता के सूत्र आपके पास हैं

असंभव कुछ भी नहीं ============= कहा जाता है की दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं , अगर मजबूत आत्मबल हो तो | यह भाषा अक्सर कर्म में विश् वास करने वाले कर्मयोगी करते है , जबकि भाग्यवादी अक्सर भाग्य पर भरोसा करते हैं | भाग्य होता है और बेहद महत्वपूर्ण भी होता है , किन्तु वह भी कर्म से प्रभावित होता है | राज कुल में जन्मा व्यक्ति भाग्य से ऐसे कुल में जन्मता है किन्तु फिर भी अपने कर्म से पतन को प्राप्त हो जाता है , जबकि भिखारी के यहाँ पैदा होने वाला थोड़े से अवसर पाते ही अपने कर्म के बल पर बेहद शक्तिशाली और वैभव संपन्न हो जाता है | कहने का तात्पर्य है की भाग्य जन्म और उसके कुछ समय तक तो बहुत प्रभावी हो सकता है किन्तु कर्म का समय शुरू होते ही वह कर्म से प्रभावित होने लगता है | हमारा विषय धर्म और अध्यात्म , साधना और शक्ति से