पति जब देवता न बन पाए ,घर तबाह करे तो


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दाम्पत्य जीवन स्त्री -पुरुष के एक संकल्प के साथ एक होकर चलने के भावना से शुरू होता है |इसमें लड़का और लड़की दोनों दो पहिये होते हैं और इनकी इस सम्बन्ध में अपनी सोच ,कल्पनाएँ ,भावनाएं होती हैं |विवाह के पूर्व लडकी अपने मन में अपने भावी वैवाहिक जीवन और पति को लेकर असंख्य कल्पनाएँ करती है ,उसकी अनेक भावनाएं होती है | वह अपने पति को सौम्य ,सरल ,सीधा ,बात मानने वाला ,प्यार करने वाला ,उसका सम्मान करने वाला ,चरित्रवान ,समझदार ,सुख दुःख में साथ देने वाला कल्पित करती हैं |विवाह पूर्व वह कलह ,विवाद ,ईगो ,चारित्रिक दोष की कल्पना नहीं कर पाती और सोचती है की पति को अपने अनुकूल ढाल लेगी |विवाह बाद अधिकतर मामलों में इसका उल्टा हो जाता है |आधुनिक समय में लगभग २० प्रतिशत दम्पति अलग हो जाते हैं विभिन्न कारणों से |इनमे पुरुषों की कमी से अलगाव अधिक होता है लेकिन स्त्री के कारण अलगाव का प्रतिशत भी तेजी से बढ़ रहा है |80प्रतिशत दम्पतियों में से 75 प्रतिशत एडजस्ट करते हैं मजबूरी में एक दुसरे की कमी को देखते समझते हुए भी |केवल प्रतिशत की लाइफ शान्ति से चल पाती है और वे यह कह सकते हैं की उनका पार्टनर सहयोगी है और वह संतुष्ट हैं |इन प्रतिशत को अगर छोड़ दें तो अलग होने वाले मामलों सहित कुल दम्पतियों में से अधिकतर में कलह होता है ,|इनके कारण अलग अलग हो सकते हैं |पति पत्नी दोनों की कमियां इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं ,विभिन्न दोष ,कारण ,प्रभाव इनके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं किन्तु कलह बहुत से मामलों में स्त्री द्वारा ही अधिक किया जाता है ,जबकि गलती पुरुषों की हो सकती है |स्त्री मजबूरी में भी कलह करती है जबकि उसका वश न चले |
 विवाह पूर्व की सोच से जब वर्तमान मेल नहीं खाता तो क्षुब्धता ,क्रोध उत्पन्न होता है |स्वभाव न मिलने पर तो कलह होता ही है अथवा एक दुसरे से असंतुष्टि तो कलह कराता ही है ,विभिन्न प्रकार कमियां इसे और बढ़ा देते हैं |विभिन्न दोष ,कमियां ,किया कराया ,ग्रहीय स्थितियां भी इसे बढाते हैं किन्तु हमारा विषय यह नहीं की यह क्यों होता है ,क्योकि इस पर हम कुछ पोस्ट पहले लिख चुके हैं |आज हम यह देखते हैं की स्थितियां जो भी हो ,इन पर कैसे नियंत्रण किया जा सकता है |यदि पति बिगड़ा है ,या झगड़ालू है ,मार पीट करता है ,या स्वार्थी है ,या चारित्रिक रूप से कमजोर है ,या किसी और से सम्बन्ध रखता हो ,नशे अथवा दुर्व्यसन पाल रखा है ,परिवार -घर की चिंता नहीं करता ,आलसी हो ,उन्नति से उदासीन हो ,खुद की कमियों से अभाव में जीने को मजबूर कर दे ,अनावश्यक शक करे ,समस्याएं होने पर भी पत्नी की न सुने ,पत्नी को कुछ न करने दे ,अनावश्यक हमेशा टोका टाकी करे अथवा प्रतिबन्ध लागू करे ,सम्मान न करे ,उपेक्षित रखे ,असहयोगी है और आपकी मजबूरी भी है की उसे साथ लेकर चलना भी है तो कैसे उसे सुधारा जाए ,कैसे उसे अनुकूल किया जाए ,कैसे उसकी कमियों को हटाया जाए |हमारे पास अक्सर इस तरह के मामले आते रहे हैं चूंकि हम तंत्र और ज्योतिष से जुड़े रहे हैं अतः इसके लिए हमारे कुछ सुझाव हैं |यदि आप या आपका कोई परिचित इस तरीके की समस्या में घिरा हो जहाँ पुरुष के कारण घर नरक बन रहा हो तो यदि आपको उचित लगता है तो अपनी सुविधानुसार आजमायें अथवा उन्हें सुझाएँ ,हमें उम्मीद है की आपकी समस्या सुलझ सकती है |
. प्रथम कार्य तो यह करें की पुरुष की कुंडली किसी विद्वान् ज्योतिषी को दिखाएँ और उग्रता ,स्वार्थ ,आलस्य अथवा कामुकता उत्पन्न करने वाले ग्रह के प्रभाव को सिमित करने का प्रयास करें ,साथ ही ज्योतिषी के परामर्श के अनुसार बौद्धिक स्तर उठाने वाले ,दाम्पत्य सुख दिलाने वाले ,स्वभाव में मधुरता लाने वाले ग्रह की शक्ति मजबूत करें |
. अपने घर के वास्तु पर ध्यान दें |स्थान कैसा भी हो ,घर कैसा भी हो उसे ठीक किया जा सकता है ,अतः ऐसी व्यवस्था वास्तु अनुसार करें की शान्ति बढ़े ,तनाव कम हो ,कलह कम हो ,दिमाग पर बोझ न हो ,प्यार उत्पन्न हो |
. पुरुष को ,उसकी जिम्मेदारियों को ,पारिवारिक संस्कार और स्थिति को समझने का प्रयत्न करें |उसकी सोच ,शैली ,देखें और तदनुरूप व्यवहार करें |उसे उसकी जिम्मेदारियों ,अपनी आवश्यकता को प्यार से समझाएं |कभी उसके ईगो को हर्ट न करें और किसी अन्य का तुलनात्मक उदाहरण बिलकुल भी न दें ,अपितु उसे प्रेरित करें की वह बहुत अच्छा है और वह सब कुछ कर सकता है |और अच्छा हो सकता है और उन्नति कर सकता है |
. पुरुष से मिलने जुलने वालों ,उसके दोस्तों मित्रों और उसको सुझाव देने वालों पर ध्यान दें |उसके द्वारा की जा रही तुलना अथवा दिए जा रहे उदाहरण को समझने का प्रयत्न करें ,क्यों और किस ओर यह इशारा कर रहे |उसके बाद अपनी प्रतिक्रिया संतुलित रूप से दें |उसके अवचेतन की धारणाओं को समझकर उन्हें अपरोक्ष रूप से बदलने का प्रयत्न करें |उसकी कुंठाओं को दूर करने का प्रयत्न करें |हमेशा कमियां इंगित न करें |कहीं से घर आने पर तुरंत कोई शिकायत अथवा फरमाइश अथवा उलझन न व्यक्त करें |
5. यह देखें की विवाह पूर्व अथवा बाद में किसी द्वारा किसी स्वार्थ के लिए अथवा अपने दोष हटाने के लिए किसी द्वारा कोई तांत्रिक क्रिया तो नहीं की गयी आपके दाम्पत्य जीवन पर अथवा पुरुष पर | इससे भी कलह होता है और विभिन्न कमियां उत्पन्न हो जाती है |कोई दोनों को अलग तो नहीं करना चाहता अथवा कोई पुरुष को अपनी ओर तो नहीं खीचना चाहता या ऐसा कर चूका है |
. उस घर के पितरों ,कुलदेवता आदि की स्थिति पता करें की वे संतुष्ट हैं की नहीं ,उनकी पूजा ठीक से हो रही की नहीं |जो परिवारीजन अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हैं उनकी शान्ति के प्रयत्न करें ,पितरों को श्राद्धादी से संतुष्ट करवाने का प्रयत्न करें और कुलदेवता की वार्षिक पूजा सुनिश्चित कराएं |इनके कारण भी पारिवारिक माहौल बिगड़ता है और अभाव ,कमियां लोगों में उत्पन्न होती हैं |
7. ज्यादा टोटके न आजमायें ,न ही बार बार अलग -अलग ज्योतिषी की सलाह लें |एक बार ही खूब सोच समझकर सलाह लें और उपाय करें |हर वस्तु की अपनी ऊर्जा होती है |यदि सही स्थान पर न लगे तो व्यतिक्रम भी उत्पन्न होता है |किसी उपाय को लगातार उसके निश्चीत समय तक करें |घबराकर जल्दी जल्दी उपाय न बदलें |यहाँ वहां से पढकर या सुनकर उपाय न आजमायें बल्कि जानकार से समझकर अपनी स्थितियों के अनुसार उनका विश्लेष्ण कर उपाय करें |बहुत उपायों की ऊर्जा आपस में टकराकर निष्क्रिय भी हो जाती है और अगले उपाय के लिए असफलता का रास्ता भी बना देती है |
. पति या पुरुष पर किसी नकारात्मक शक्ति ,किये कराये ,टोने -टोटके ,वशीकरण  आदि का प्रभाव लगे तो उसे किसी उग्र शक्ति जैसे काली ,तारा ,कामाख्या ,बगला ,भैरव ,के यन्त्र इनके सिद्ध साधक से बनवाकर और कम से कम २१००० मन्त्रों से अभिमंत्रित करा कवच में धारण कराएं |यदि वह इन्हें न पहने तो उसके तकिये अथवा बिस्तर आदि के नीचे रखें |
. यदि पुरुष में चारित्रिक दोष हो अथवा स्वभाव में अधिक उग्रता हो ,सौमनस्य का अभाव हो ,कोई अभाव हो ,कोई शारीरिक कमी हो तो उसे षोडशी त्रिपुरसुन्दरी का यन्त्र इनके सिद्ध साधक से बनवाकर और २१००० मन्त्रों से अभिमंत्रित करा कवच में धारण कराएँ |इससे स्वभाव -शरीर की कमियों का नियंत्रण होता है और अच्छे बुरे को समझने की शक्ति का विकास होने के साथ दाम्पत्य सुख -समृद्धि की वृद्धि होती है |
१०. यदि पुरुष अधिक स्वतंत्र हो ,किसी को कुछ न समझता हो ,बड़े छोटो को समझने ,सहयोग ,सम्मान की भावना न हो ,किसी नशे आदि की समस्या से लिप्त हो ,कोई जुआ आदि की लत हो ,गलत लोगों की संगत में हो ,तो षोडशी यन्त्र धारण कराने के साथ ही उसे खुद के प्रति वशीभूत करें जिससे वह आपकी बात को माने और आपके कहे अनुसार चले |उसकी अच्छे बुरे को सोचने समझने की शक्ति का विकास हो |
११. यदि आपको लगता हो की पुरुष के किन्ही अन्य स्त्रियों या किसी अन्य स्त्री से भी सम्बन्ध हो सकते हैं या लगता हो की उसके कार्यक्षेत्र में किसी से सम्बन्ध बन सकते हैं तो ,प्रकृति उच्चाटन के प्रयोग करें और साथ ही आप खुद श्यामा मातंगी यन्त्र इसके सिद्ध साधक से बनवाकर ,अभिमंत्रित कराकर धारण करें ,जिससे उसका झुकाव आपकी ओर बढ़े और वह आपके प्रति आकर्षित और वशीभूत हो |
१२. यदि आपको लगता हो की घर -परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है ,किसी द्वारा दाम्पत्य में बाधा डालने हेतु कुछ किया गया है ,पारिवारिक उन्नति रोकने हेतु कुछ किया गया है ,तो आप चमत्कारी दिव्य गुटिका की प्रतिदिन रोज सुबह पूजा करें और रात में काली सहस्त्रनाम का पाठ करें |इससे नकारात्मक प्रभाव ,किया कराया का प्रभाव समाप्त हो जाएगा और शान्ति उत्पन्न होगी |
उपरोक्त प्रयोग गंभीर प्रकृति के और दीर्घकालिक प्रभाव के हैं |इनके अतिरिक्त अनेक टोटके और प्रयोग दाम्पत्य कलह ,पति को सुधारने ,समस्या निवारण के लिए शास्त्रों में दिए गए हैं |चूंकि विषय पति की कमियों का है अतः कुछ टोटकों का दिया जाना प्रासंगिक होगा |
.  जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल मेंफंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते होंलड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूलबनाया जा सकता है।  गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रिमें 12 बजे पति की चोटी (शिखाके कुछ बाल काट लेंऔर उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पतिकी नजर  पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि कासुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछदिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकरबाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिककारगर सिद्ध होगा
.  कई बार पति किसी दूसरी स्त्री के चंगुल में  जाताहै तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह प्रयोग करसकती हैं। गुरुवार रात 12 बजे पति के थोड़े से बालकाटकर उसे घर के बाहरी दरवाजे अथवा गेट पर ले जाकर जला दें  बाद में पैर से मसल दें ,वापस आते समय पीछे न देखें ,अवश्य ही जल्दी ही पति सुधरजाएगा।
. पति पत्नी के क्लेश के लिए पत्नी बुधवार को तीनघंटे का मोंन रखें |शुक्रवार को अपने हाथ से साबूदानेकी खीर में मिश्री डाल कर खिलाएं तथा इतर दान करें अपने कक्ष में भी रखें |इस प्रयोग से प्रेम में वृद्धि होती है|
. यदि निरंतर घर में कलह का वातावरण बना रहताहो,अशांति बनी रहती हो.व्यर्थ का तनाव बना रहता होतो.थोड़ी सी गूगल लेकर  ह्रीं मंगला दुर्गा ह्रीं  "मंत्र का १०८ बार जाप कर गूगल को अभी मंत्रित कर देऔर उसे कंडे पर जलाकर पुरे घर में घुमा दे.ये सम्भव हो तो गूगल  अगरबत्ती पर भी ये प्रयोग किया जासकता है.घर में शांति का वातावरण बनने लगेगा।
५. शनिवार की रात्रि में लौंग लेकर उस पर 21 बारपति का  नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार कोइनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार बार करनेसे अभीष्ट व्यक्ति पति का वशीकरण होता है। अगरआपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप सेलड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपकेलिए बहुत कारगर है,|
. प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगलकी धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें औरयह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्रही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय हीआपको लाभ मिलेगा |
७. अगर पति का पत्नी के प्रति प्यार कम हो गया हो तोश्री कृष्ण का स्मरण कर तीन इलायची अपने बदन सेस्पर्श करती हुई शुक्रवार के दिन छुपा कर रखें। जैसेअगर साड़ी पहनतीं हैं तो अपने पल्लू में बांध कर उसेरखा जा सकता है और अन्य लिबास पहनती हैं तोरूमाल में रखा जा सकता है।
शनिवार की सुबह वह इलायची पीस कर किसी भीव्यंजन में मिलाकर पति या प्रेमी को खिला दें। मात्र तीनशुक्रवार में स्पष्ट फर्क नजर आएगा।
. जब आपको लगे की आपके पति किसी महिला केपास से आ रहें हैं तो आप किसी भी बहाने से अपने पतिका आंतरिक वस्त्र लेकर उसमे आग लगा दें और राखको किसी चौराहे पर फैंक कर पैरों से रगड़ कर वापिसआ जाएं.
. यह प्रयोग शुक्ल पक्ष में करना चाहिए |एक पान कापत्ता लें उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिलाकर रखें फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठकर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तककरें पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान केपत्ते पर रखा थाका तिलक अपने माथे पर लगायें !और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय यदिपति वहां पर  हों तो उनकी फोटो के सामने जांय पानका पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटाफटा  हो रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलगकिसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तोंको जल प्रवाह कर दें शीघ्र समस्या का समाधान होगा |
१०.शराब छुड़ाने के लिए - आप किसी भी रविवार कोएक शराब की उस ब्रांड की बोतल लायें जो ब्रांड आपकेपति सेवन करते हैं| रविवार को उस बोतल को किसी भीभैरव मंदिर पर अर्पित करें तथा पुनकुछ रूपए देकरमंदिर के पुजारी से वह बोतल वापिस घर ले आयें|जबआपके पति सो रहें हो अथवा शराब के नशे में चूर होकरमदहोश हों तो आप उस पूरी बोतल को अपने पति केऊपर से उसारते हुए २१ बार " नमः भैरवाय"का जापकरें| उसारे के बाद उस बोतल को शाम को किसी भीपीपल के वृक्ष के नीचे छोड़ आयें|कुछ ही दिनों में आपचमत्कार देखेंगी|
११. जिस महिला से आपके पति का संपर्क है उसकेनाम के अक्षर के बराबर मखाने लेकर प्रत्येक मखाने परउसके नाम का अक्षर लिख दें|उस औरत से पति काछुटकारा पाने की अपने ईष्ट से प्रार्थना करते हुए उन सारेमखानो को जला दें तथा किसी भी प्रकार से उसकीकाली भभूत को पति के पैर के नीचे आने की व्यवस्थाकरें |
१२.  होली के दिन 5-5 रत्ती के मोतियों का ब्रेसलेटपहनें। इसके अतिरिक्त हर पूर्णिमा को चांदी के पात्र मेंकच्चा दूध डालकर चन्द्रमा को अर्ध्य देंपति-पत्नी कीआपसी संबंधों में मधुरता आयेगी।


इन टोटकों के अतिरिक्त अनेक टोटके ,मन्त्र ,उपाय पति को सुधारने के ,दाम्पत्य प्रेम बढाने के शास्त्रों में दिए गए हैं |जैसी जिस उपाय की शक्ति और ऊर्जा वैसा वह कार्य करती है |.....................................................
जय श्री नारायण  

विशेष - किसी विशिष्ट समस्या , आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 09472998128,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

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