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नीलम रत्न की वजह से बढ़ती है एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता, इसके शुभ असर से मिल सकता है धन लाभ और मान-सम्मानज्योतिष में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु ये नौ ग्रह हैं और इन ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं। ग्रहों के अनुसार रत्न पहनने से संबंधित ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं और शुभ प्रभाव बढ़ सकते हैं। वास्तु विशेषज्ञ , लालकिताब और वैदिक ज्योतिषाचार्य पं: अभिषेक शास्त्री जी के अनुसार शनि के अशुभ असर को दूर करने के लिए नीलम धारण करना चाहिए। जानिए नीलम रत्न से जुड़ी खास बातें...
ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश माना गया है। शनि किसी भी व्यक्ति का भाग्य बदल सकता है। कुंडली में शनि शुभ हो तो सफलता मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। नीलम शनि का प्रिय रत्न माना जाता है, इसके प्रभाव से कमजोर शनि का बल बढ़ सकता है। नीलम की वजह से सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
ये रत्न मन की अशांति दूर करता है और एकाग्रता बढ़ाता है। जिन लोगों को नीलम फल जाता है यानी जिनके लिए ये रत्न शुभ होता है, वे धन-संपत्ति, यश, मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
कैसे और कब करें धारण ...
शनिवार को नीलम खरीदकर लाएं और दोपहर 1 से 2 बजे के बीच दाएं हाथ की मध्यमा उंगली यानी मिडिल फिंगर में इसे धारण करना चाहिए। धारण करने से पहले नीलम की पूजा करनी चाहिए।
किसी ब्राह्मण से शनि मंत्रों के साथ नीलम को अभिमंत्रित करवा सकते हैं। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार मध्यमा उंगली शनि की होती है। ये रत्न चाँदी या पंचधातु की अंगूठी में पहनना चाहिए।
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ज्योतिषाचार्य पं: अभिषेक शास्त्री
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