क्या होता है ग्रह योग
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ग्रह योग की जब हम बात कर रहे हैं तो सबसे पहले यह जानना होगा कि ग्रह योग क्या है और यह बनता कैसे है। विज्ञान की भाषा में बात करें तो दो तत्वों के मेल से योग बनता है ठीक इसी प्रकार दो ग्रहों के मेल से योग का निर्माण होता है। ग्रह योग बनने के लिए कम से कम किन्हीं दो ग्रहों के बीच संयोग, सहयोग अथवा सम्बन्ध बनना आवश्यक होता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों के बीच योग बनने के लिए कुछ विशेष स्थितियों का होना आवश्यक होता है।जैसे: दो या दो से अधिक ग्रह मिलकर एक दूसरे से दृष्टि सम्बन्ध बनाते हों। भाव विशेष में कोई अन्य ग्रह आकर संयोग करते हों। कारक तत्व शुभ स्थिति में हों।
कारक ग्रह का अकारक ग्रह से सम्बन्ध बन रहा हो। एक भाव दूसरे भाव से सम्बन्ध बना रहे हों। नीच ग्रहों से मेल हो अथवा शुभ ग्रहों से मेल हो। इन सभी स्थितियों के होने पर या कोई एक स्थिति होने पर योग का निर्माण होता है।
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