↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭↭
सर्वप्रथम आपके किचन की ऊंचाई कम से कम10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए। यदि किचन की ऊँचाई जरूरत से कम हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी भी किचन से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए इसलिए किचन के आसपास बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फआप इसमे वाशिंग स्पेस दे सकते हैं।
किचन के लिए सबसे उपर्युक्त स्थान आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण पूर्व दिशा हैं जो कि अग्नि का स्थान है ।अगर ऐसा संभव न हो तो उत्तर पश्चिम दिशा में भी किचन बनाया जा सकता है परन्तु ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में किचन बनाने से बिल्कुल परहेज करें ।
किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफॉर्म हमेशा पूर्व दिशा में होनी चाहिए और रसोई बनाते समय गृहणी का मुख पूर्व या उत्तर की दिशा में होनी चाहिए ।बर्तन, मसाले, राशन फ्रिज आदि किचन के पश्चिम या दक्षिण की ओर रखा जा सकता है । और हाँ, किचन में दवाइयां, आइना या पूजाघर बिलकुल न रखे इससे सौभाग्य में कमी आती है ।
किचन में सूर्य की रोशनी अच्छी तरह आए इस बात का हमेशा ध्यान रखें। किचन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें विशेषकर रात को रसोईघर साफ सुथरा कर ही सोएं क्योंकि इससे सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है।
किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की न हो तो बहुत ही अच्छा है ।इसे पूर्व में होना शुभकारी होता है ।
जहाँ तक किचन के रंग का चयन का सवाल है तो इसे घर के महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना अत्योत्तम होता है पर अगर ऐसा संभव न हो तो किचन का रंग हल्का ही रखना चाहिए ।
Comments
Post a Comment