धनतेरस के कुछ मुख्य विन्दु--
((संकलन कर्ता-- पं:अभिषेक कुमार शास्त्री मोबाइल एवं वाट्स अप नंबर +918728381356))
""क्यों मनाते हैं हम धनवंतरि जयंती धनतेरस?
उत्तर-- कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से विश्व के प्रथम चिकित्सक श्री धन्वन्तरि भगवान का जन्म हुआ और संसार से अमंगल दूर करने के लिएउनके हाथ में अमृत का कलश था"
**इसलिए आयु आरोग्य धन संपत्ति,वंश वृद्धि की प्राप्ति और अपने एवं अपने परिवार के आकस्मिक घटनाओं को दूर कर परिवार में हर प्रकार की मंगल कामना एवं अखंड सौभाग्य के साथ ही साथ खुखद दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए हम धनतेरस का पर्व मनाते हैं**
""धनतेरस के दिन स्थिर लग्न वृष लग्न, सिंह लग्न वृश्चिक लग्न एवं कुंभ लग्न में श्री धन्वन्तरि भगवान की पूजा के साथ ही साथ माता महालक्ष्मी जी माता सरस्वती जी श्री गणेश भगवान एवं श्री कुबेर भगवान की भी पूजा करनी चाहिए"
**तुला लग्न में भी धनतेरस और दीपावली पूजा शुभ मानी जाती है"
**पुराने या नये तिजोरी, मिट्टी या धातु के बैंक,बही खाता, आलमीरा,श्री यंत्र, कुबेर यंत्र आदि की पूजा करनी चाहिए
तिजोरी में धनिया,गोटा सुपारी गोटा हल्दी,चान्दी या सोना के लक्ष्मी गणेश,कौरी आदि गुलाबी लाल या पीले रंग के बटुआ में बांधकर रखिए*
**धनतेरस के दिन स्फटिक या तांबे के श्री यंत्र, कुबेर यंत्र,लक्ष्मी गणेश या शुभ-लाभ यंत्र एवं पारद या स्फटिक या फिर दूकान पर आसानी से मिलने वाले शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए
शिवलिंग की स्थापना बिना मंत्र के कीजिए**
""धनतेरस की रात्रि में श्री सूक्त लक्ष्मी सूक्त, कुबेर स्तुति, अन्नपूर्णा स्त्रोत,श्री दुर्गा सप्तशती के मध्यम चरित्र आदि का पाठ करना चाहिए""
ये सभी पूजा दीपावली में भी कर सकते हैं
**अपने परिवार और अपने जीवन में मंगल की प्राप्ति के लिए धनतेरस और दीपावली में श्रीलक्ष्मी गणेश सरस्वतीजी की पूजा करनी चाहिए
धनतेरस से लेकर दीपावली तक संभव हो तो बिना लहसुन प्याज के शुद्ध वैष्णव भोजन कीजिएगा
धनतेरस की पूजा आयु आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए की जाती है
धनतेरस से दीपावली तक सुहाग के सामान उपहार में लेने और देने वाले दोनों पक्षों को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है**
मोबाइल एवं वाट्स एप नंबर
+918788381356
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""क्यों मनाते हैं हम धनवंतरि जयंती धनतेरस?
उत्तर-- कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से विश्व के प्रथम चिकित्सक श्री धन्वन्तरि भगवान का जन्म हुआ और संसार से अमंगल दूर करने के लिएउनके हाथ में अमृत का कलश था"
**इसलिए आयु आरोग्य धन संपत्ति,वंश वृद्धि की प्राप्ति और अपने एवं अपने परिवार के आकस्मिक घटनाओं को दूर कर परिवार में हर प्रकार की मंगल कामना एवं अखंड सौभाग्य के साथ ही साथ खुखद दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए हम धनतेरस का पर्व मनाते हैं**
""धनतेरस के दिन स्थिर लग्न वृष लग्न, सिंह लग्न वृश्चिक लग्न एवं कुंभ लग्न में श्री धन्वन्तरि भगवान की पूजा के साथ ही साथ माता महालक्ष्मी जी माता सरस्वती जी श्री गणेश भगवान एवं श्री कुबेर भगवान की भी पूजा करनी चाहिए"
**तुला लग्न में भी धनतेरस और दीपावली पूजा शुभ मानी जाती है"
**पुराने या नये तिजोरी, मिट्टी या धातु के बैंक,बही खाता, आलमीरा,श्री यंत्र, कुबेर यंत्र आदि की पूजा करनी चाहिए
तिजोरी में धनिया,गोटा सुपारी गोटा हल्दी,चान्दी या सोना के लक्ष्मी गणेश,कौरी आदि गुलाबी लाल या पीले रंग के बटुआ में बांधकर रखिए*
**धनतेरस के दिन स्फटिक या तांबे के श्री यंत्र, कुबेर यंत्र,लक्ष्मी गणेश या शुभ-लाभ यंत्र एवं पारद या स्फटिक या फिर दूकान पर आसानी से मिलने वाले शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए
शिवलिंग की स्थापना बिना मंत्र के कीजिए**
""धनतेरस की रात्रि में श्री सूक्त लक्ष्मी सूक्त, कुबेर स्तुति, अन्नपूर्णा स्त्रोत,श्री दुर्गा सप्तशती के मध्यम चरित्र आदि का पाठ करना चाहिए""
ये सभी पूजा दीपावली में भी कर सकते हैं
**अपने परिवार और अपने जीवन में मंगल की प्राप्ति के लिए धनतेरस और दीपावली में श्रीलक्ष्मी गणेश सरस्वतीजी की पूजा करनी चाहिए
धनतेरस से लेकर दीपावली तक संभव हो तो बिना लहसुन प्याज के शुद्ध वैष्णव भोजन कीजिएगा
धनतेरस की पूजा आयु आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए की जाती है
धनतेरस से दीपावली तक सुहाग के सामान उपहार में लेने और देने वाले दोनों पक्षों को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है**
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