कला धागा बांधने की प्रथा कई सालो से है इसे हाथ, पैर,गले और बाजु में बांधा जाता रहा है इसे नजर से बचने के लिए बांधा जाता है।
काला धागा बांधने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है ये पंच तत्व है पृथ्वी,वायु, अग्नि, जल और आकाश इनसे मिलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर का संचालन करती है।
इनसे मिलने वाली ऊर्जा से ही हम सभी सुविधाओं को प्राप्त करते है जब किसी इंसान की बुरी नजर लगती है तब इन पंच तत्वों से मिलने वाली संबंधित सकारात्मक ऊर्जा हम तक नहीं पहुंच पाती है।
इसलिए गले में काला धागा बांधा जाता है कुछ लोग काले धागे में भगवान के लॉकेट भी धारण करते है बुरी नजर से बचने के लिए काले रंग की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है काला धागा पहनने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
काला रंग नजर लगाने वाले की एकाग्रता को भंग कर देता है काला धागा नजर तो बचता ही है साथ ही इससे जुड़ा एक उपाय आपको मालामाल बना सकता है।
आप बाजार से रेशमी या सूती काला धागा ले आये और किसी भी मंगलवार या शनिवार की शाम को यह काला धागा हनुमानजी के मंदिर ले जाये इस धागे में नौ छोटी छोटी गांठ लगा ले और हनुमानजी के पैरो का सिंदूर लगा ले।
अब इस धागे को घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दे सिर्फ इस एक छोटे से उपाय जल्दी ही मालामाल बन सकते है ऐसा करने से आपके घर में धन धान्य की अपार वृद्धि होगी शनिवार के दिन काला धागा धारण करे तो वह ॐ शनये नमः का जाप करते हुए नौ गांठ बांध दे.
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